एक गांव था उसमें एक परिवार था परिवार बहुत छोटा था माता पिता और उनकी एक बेटी परिवार में किसी चीज की कमी नहीं थी मतलब अच्छे पैसे वाले लोग थे उस पिता ने अपनी बेटी को बहुत लाड प्यार से पाला उस लड़की के मुंह से आवाज निकलती तो उसकी फरमाइश में पूरी हो जाती सुबह 8:00 बजे सो कर उठना घर में सब को अपने इशारों पर नचाना यह सब पापा को देख कर बहुत अच्छा लगता था कि मेरी बेटी इतने प्यार प्रेम से रह रही है मगर ज्यादा लाड प्यार भी बच्चों को बिगड़ता है तो दोस्तों वह इसी प्यार के चलते लड़की बड़ी हो गई अब माता-पिता को उसकी शादी की चिंता होने लगी एक बहुत बड़े घर में उसकी शादी करवा दी बहुत सारा दान दहेज दिया गया कि मेरी बेटी को किसी भी चीज की कमी ना हो पाए चार 8 दिन भी नहीं हुए दोस्तों की लड़की ने अपने घर पर फोन कर दिया कि पापा मुझे यहां से ले जाओ पिता बोला 8 दिन में ऐसा क्या हुआ कि वह कह रही है मुझे यहां से ले जाओ फिर पिता उसकी ससुराल गया तो वहां पर उससे किसी ने बात नहीं की किसी लड़की ने अपनी इज्जत नहीं बना पाई और जहां लड़की ने इज्जत नहीं बना पाई वहां पर ताकि इज्जत कैसे हो सकती है चलो पिता ने यह सब छोड़ो अपनी लड़की के कमरे में गया वहां उसने लड़की से पूछा क्या हुआ बेटी 4 दिन में ऐसा क्या हुआ कि तूने मुझे फोन करके यहां पर बुलाया है पिताजी मुझे यहां से ले चलो मैं यहां पर 1 मिनट नहीं रुक सकती यह लोग बहुत खराब है पिता ने बोला रुक मैं 7 से बात करता हूं तो लड़की बोली उससे आप क्या बात करोगे वह तो सबसे बुरी है फिर भी पिता उसके साथ से बात करने जाता है वह बोलता क्या बात है बहन जी मैं बोलती है यूं नहीं मैं अपनी बेटी को ले जाने आया हूं लेकर जाऊं इसको यहां से हमें ऐसी लड़की नहीं चाहिए जो किसी की इज्जत नहीं करती कुछ काम नहीं करती 10:11 बजे सो कर उठती है हमें बहू चाहिए थी मालकिन नहीं आप जितना जल्दी हो इसे यहां से लेकर जाइए पिता उसे अपने घर लेकर आ गया पिता ने सोचा मेरी परवरिश में ही कमी रह गई जो मैंने इसलिए डाटा नहीं तभी यह लाड प्यार में इतना बिगड़ गई इसलिए दोस्तों लड़की को लाड प्यार से भी करो मगर हिसाब से क्योंकि उसे ससुराल भी जाना है
Note
बेटी एक पराया घन है एक पिता अपनी लड़की को कितना भी प्यार कर ले मगर उसे उसकी शादी करनी ही पढ़ती है
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